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भगवान राम पर कविता, पवन कुमार यादव

 शौर्य ,साहस ,बलिदान शील, मर्यादा ,स्वाभिमान अद्भुत आलौकिक   मुखमंडल  सुमेरू  सदृश  वक्षस्थल  मृदुभाषी ,भक्तवत्सल  करुण सागर कमलनयन  धनुर्धारी असुर निकंदन  सादर प्रणाम, तपी त्यागी दशरथ नंदन ।। -पवन कुमार यादव