''जिंदगी 'Best poem written by Pawan kumar Yadav.

" जिंदगी के अनेक रंग है
 बस जीने के सबके अपने-अपने ढंग है
  हर राहों में छिड़े जंग है
  कोई इस जंग में बिखर जाता है
तो कोई इस जंग में  निखर जाता
 समय के साथ तू  भी बदल जा
 न जाने ,कब किस राह पर बिखर जा
 कल एक छलावा है
 इसको पालना छोड़ दे
 आज एक हकीकत है
  तू आज मे ही सँवर जा
 वक्त के  अनुसार  नए किरदार में ढल जा
     नए किरदार में ढल जा।।
                            Pawan kumar yadav. 

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