बाल कविता ""- बादल-""" best poem written by Pawan Kumar Yadav


  उमड़ घुमड़ कर बादल आए
हजारों खुशियां संग लाये
काली गठरी में भरकर पानी लाए
 गर्मी को ये दूर भगाएं
 उमड़ घुमड़ कर बादल आए

   प्यासी धरती को अब जल मिलेगा
  पेड़ों पर अब फल लगेगा
 हर तरफ होगी हरियाली
 कहीं किसान  तू कहीं खुश होगे वनमाली
 मुरझाए फूलों में अब आएगी लाली

   सूखे गड्ढों में अब होगा पानी
 ऊपर आएंगी मछली रानी
जमीन पर अब तो  फिसलेगी पाव
कागज की अब तैरेगी नाव

  जंगल में मोर मचाए शोर
 नहीं चलेगा अब किसी का जोर
वर्षा होगी अब घनघोर
हम तो चले भैया ठंडी फिजाओं कि ओर।।

                                 ।।पवन कुमार यादव ।।

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